लाड़ली लक्ष्मी योजना मध्यप्रदेश सरकार की जानी मानी योजनाओं मे से एक है जो कि मध्यप्रदेश के महिला एवं बाल विकास विभाग, मध्यप्रदेश शासन द्वारा संचालित हो रही है । मध्यप्रदेश की जनता के मन में बालिका के जन्म के प्रति सकारात्मक सोच लाने , लिंगानुपात में सुधार लाने , बालिकाओं के शैक्षणिक स्तर तथा स्वास्थ्य की स्थिति में सुधार तथा उनके उज्जवल भविष्य एवं उनके सर्वांगीण विकास करने के उद्देश्य से मध्यप्रदेश सरकार द्वारा लाडली लक्ष्मी योजना 01 अप्रैल 2007 से प्रारम्भ की गई । इसके बाद डॉ. मोहन यादव सकरकर में इस योजना का नाम मुख्यमंत्री लाडली लक्ष्मी योजना कर दिया गया है जो लाडली लक्ष्मी योजना 2.0 से भी जानी जाती है ।

लाड़ली लक्ष्मी योजना का उद्देश्य –
- प्रदेश में लिंगानुपात में एवं बालिकाओं की शिक्षा एवं स्वास्थ्य की स्थिति में सुधार लाना।
- परिवार नियोजन को बढ़ावा देना और दो बालिकाओं को ही सर्वोपरि मानना ।
- बालिकाओं के गरिमामय उज्ज्वल भविष्य के लिए एक उत्तम आधारशिला रखना ।
- कन्या भ्रूण हत्या/शिशु हत्या को पूर्णतः रोकना।
- बालिकाओं के सर्वांगीण विकास के लिए सकारात्मक और सक्षम वातावरण का निर्माण करना।
- बाल विवाह की प्रथा को कमजोर करना और कानूनी रूप से स्वीकृत उम्र में विवाह को बढ़ावा देना।
पात्रता-
लाड़ली लक्ष्मी योजना का लाभ दो स्थितियों में दिया जाता है –
1. सामान्य प्रकरण की स्थिति में –
- 1 जनवरी 2006 के बाद जन्मी बालिकाएं जो स्थानीय आंगनवाड़ी केन्द्र में पंजीकृत हो।
- माता-पिता मध्यप्रदेश के मूलनिवासी हों।
- माता-पिता आयकर दाता न हो ।
- माता-पिता जिनकी दो या दो से कम संतान हो, द्वितीय संतान के जन्म के पश्चात परिवार नियोजन अपनाया गया हो।
- प्रथम प्रसव से जन्मी बालिका को बिना परिवार नियोजन के लाभ दिया जावेगा। द्वितीय प्रसव से जन्मी बालिका को लाभ दिये जाने हेतु माता/पिता को परिवार नियोजन अपनाया जाना आवश्यक है।
2. विशेष प्रकरण की स्थिति में-
- माता / पिता की मृत्यु की स्थिति में यदि दूसरी शादी होती है तो पूर्व की दो संतानों तक ही लाभ दिया जाएगा।
- प्रथम प्रसूति के समय एक साथ 03 बच्चियां होने पर भी तीनों बच्चियों को लाभ मिलेगा।
- जेल में बंद महिला कैदियों की बालिकाओं को और बलात्कार पीड़ित बालिका या महिला की बालिका को योजना का लाभ दिया जावेगा ।
- गैर-परिवार नियोजन प्रकरणों में 02 वर्ष तक प्रकरण स्वीकृत कलेक्टर कर सकता है जबकि परिवार नियोजन ना कराने का कारण स्वास्थ्य संबंधी होना चाहिए।
- अगर कोई आवेदन देरी से पहुंचता है तो इसकी स्वीकृति/अस्वीकृति जिला कलेक्टर प्रदान करेंगे।
लाड़ली लक्ष्मी योजना के लाभ-
- लाड़ली लक्ष्मी योजना में बालिका के नाम से शासन की ओर से रूपये 1,43,000/- का आश्वासन प्रमाण पत्र जारी किया जाता है ।
- जिसका वितरण निम्न प्रकार से किया जाएगा
- जिसमे बालिका को कक्षा 6 वीं में प्रवेश पर रूपये 2000/-, कक्षा 9 वीं में प्रवेश पर रू. 4000/-, कक्षा 11 वीं में प्रवेश पर रूपये 6000/- एवं कक्षा 12वीं में प्रवेश पर रू. 6000/- छात्रवृत्ति प्रदान की जाती है ।
- लाड़ली बालिकाओं को कक्षा 12वीं के पश्चात् स्नातक अथवा व्यवसायिक पाठ्यक्रम में (पाठ्यक्रम अवधि न्यूनतम दो वर्ष) प्रवेश लेने पर रूपये 25000/- की प्रोत्साहन राशि दो समान किश्तों में पाठ्यक्रम के प्रथम एवं अंतिम वर्ष में दी जाएगी ।
- लाड़ली बालिकाओं की उच्च शिक्षा (स्नातक) हेतु शिक्षण शुल्क शासन द्वारा वहन किया जाएगा ।
- बालिका की आयु 21 वर्ष पूर्ण होने पर, कक्षा 12 वी की परीक्षा में सम्मिलित होने पर एवं बालिका का विवाह, शासन द्वारा निर्धारित आयु पूर्ण करने के उपरांत होने पर राशि रुपये 1.00 लाख का अंतिम भुगतान किये जाने का प्रावधान है ।
आवेदन प्रक्रिया –
- आप लाड़ली लक्ष्मी योजना का लाभ लेने के लिए आवेदन ऑनलाइन अथवा ऑफलाइन किसी भी तरह से कर सकते है। ऑनलाइन आवेदन करने के लिए आपको इस योजना की आधिकारिक वेबसाईट https://ladlilaxmi.mp.gov.in पर जाना होगा। जबकि ऑफलाइनआवेदन के लिए आपको अपने नजदीकी आंगनवाड़ी केन्द्र से संपर्क करना होगा।
निष्कर्ष
लाड़ली लक्ष्मी योजना न केवल बेटियों को शिक्षा और सुरक्षा प्रदान करती है, बल्कि समाज में उनकी स्थिति को सुधारने और उनके प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण विकसित करने में भी मदद करती है। यह योजना “बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ” के लक्ष्य को साकार करने का एक महत्वपूर्ण माध्यम है।
“बेटियां बढ़ेंगी, तभी समाज तरक्की करेगा।”
सोर्स- http://ladlilaxmi.mp.gov.in