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वीडियो KYC क्या है? जानिए इसका कानूनी आधार, प्रक्रिया और फायदे व नुकसान

वीडियो KYC क्या है? जानिए इसका कानूनी आधार, प्रक्रिया और फायदे व नुकसान


नमस्कार साथियों हमारी वेबसाइट Digital News Portal में आप सभी का स्वागत है। आज हम देश विदेश में कई नई नई टेक्नोलॉजी का आविष्कार देख रहे हैं और इस विकास में अगर आप ऑनलाइन टेक्नोलॉजी को न अपनाकर बैंकों से चक्कर लगा लगा कर परेशान हो गए है तो यह पोस्ट आपके लिए ही है। इसमें हम वीडियो KYC क्या है, इसका कानूनी आधार क्या है , Video KYC प्रक्रिया और इसे किन नियमों के तहत लागू किया गया है ये सब कुछ जानिए आसान भाषा में । इसकी पूरी प्रक्रिया और फायदे और संभावित जोखिम क्या है।

परिचय (Introduction)

अब बात करते है KYC की। यानी “Know Your Customer” आज के डिजिटल युग में किसी भी वित्तीय सेवा की मुख्य सेवा बन चुकी है। बैंक खाता खोलना हो, लोन लेना हो या म्यूचुअल फंड में निवेश — हर जगह KYC अनिवार्य है। लेकिन अब पारंपरिक KYC की जगह वीडियो KYC ने ले ली है, जो न केवल तेज है बल्कि डिजिटल इंडिया मिशन के अनुरूप भी है।

बहुत से लोग यह जानना चाहते हैं कि क्या वीडियो KYC कानूनी रूप से मान्य है? क्या इसमें आधार का उपयोग होता है? और इसे करने का सही तरीका क्या है? इसमें किन किन जोखिमों का सामना करना पड़ सकता है। क्या जाने अनजाने में वीडियो KYC हो जाती है और फ्रॉड या आपके साथ स्कैम हो जाता है? इस पोस्ट में हम इन सभी सवालों के उत्तर देंगे।

वीडियो KYC क्या है?

Video KYC एक डिजिटल प्रक्रिया है, जिसमें ग्राहक की पहचान वीडियो कॉल के माध्यम से की जाती है। इस प्रक्रिया में ग्राहक अपने डॉक्यूमेंट (जैसे पैन कार्ड और आधार कार्ड) को लाइव दिखाते हैं, और कई बार हस्ताक्षर भी लाइव कराए जा सकते है। एजेंट उनकी पहचान को रियल टाइम में वेरीफाई करता है।

वीडियो KYC का कानूनी आधार (Legal Validity of Video KYC)

1. RBI का KYC मास्टर डायरेक्शन, 2016

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने “Master Direction – Know Your Customer (KYC) – 2016” के तहत सभी विनियमित संस्थानों को KYC प्रक्रिया के अनुरूप कार्य करने का निर्देश दिया है।

2. 9 जनवरी 2020 का संशोधन (V-CIP की अनुमति)

RBI ने 9 जनवरी 2020 को एक अधिसूचना जारी कर Video-Based Customer Identification Process (V-CIP) को मंजूरी दी। यह संशोधन RBI की आधिकारिक वेबसाइट पर उपलब्ध है।

3. प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA), 2002

PMLA की धारा 11A के तहत वित्तीय संस्थाओं को अपने ग्राहकों की पहचान करना अनिवार्य है। वीडियो KYC को एक वैध पहचान प्रक्रिया माना गया है।

4. UIDAI और आधार आधारित e-KYC

यदि कोई संस्था UIDAI से अधिकृत है, तो वह आधार e-KYC और ऑफलाइन KYC का उपयोग वीडियो KYC में कर सकती है।

वीडियो KYC की प्रक्रिया (Video KYC Process)

1. आवेदन (Initiation)

ग्राहक बैंक/फाइनेंशियल संस्था की वेबसाइट या ऐप पर वीडियो KYC के लिए अप्लाई करता है।

2. दस्तावेजों की तैयारी

पैन कार्ड

पता प्रमाण (Address Proof)/ आधार कार्ड (Aadhar Card)

इंटरनेट और सही कैमरे वाला स्मार्टफोन

3. लाइव वीडियो कॉल

ग्राहक को एक वीडियो कॉल लिंक भेजा जाता है। एजेंट ग्राहक से पैन कार्ड दिखाने को कहता है ! चेहरे की लाइव फोटो ली जाती है। लोकेशन जियो टैगिंग के जरिए रिकॉर्ड होती है। प्रक्रिया को रिकॉर्ड किया जाता है और सुरक्षित सर्वर पर संग्रहित किया जाता है।

4. वेरिफिकेशन और अप्रूवल

डॉक्यूमेंट और वीडियो की वैधता को जांचकर KYC अप्रूव किया जाता है।


वीडियो KYC के फायदे (Benefits of Video KYC)

1. समय की बचत

घरों से ही कुछ मिनटों में KYC हो जाती है।

2. संपर्क रहित और सुरक्षित प्रक्रिया

कोविड के बाद डिजिटल प्रक्रिया अधिक सुरक्षित और सुविधाजनक बन गई है।

3. कानूनी रूप से मान्य

RBI और PMLA द्वारा मान्यता प्राप्त प्रक्रिया है।

4. ग्रामीण और दूरदराज के क्षेत्रों में सुविधा

जहां फिजिकल KYC करना कठिन होता है, वहां यह प्रक्रिया वरदान है।

5. नया खाता खोलने के लिए और निष्क्रिय खाता जिसमें दो साल से ज्यादा समय हो गया और लेनदेन नहीं हुआ को सक्रिय करने के वीडियो KYC बहुत ही लाभकारी है।

वीडियो KYC से जुड़े नियम और सावधानियां

केवल RBI से पंजीकृत या अधिकृत संस्था ही V-CIP या वीडियो KYC कर सकती है। रिकॉर्डिंग 5 वर्षों तक सुरक्षित रखनी होती है। यानी कि अगर अपने किसी बैंक या वित्तीय संस्था में वीडियो केवाईसी कराई है तो उसकी रिकॉर्डिंग बैंक के पास 5 साल तक रहेगी। वीडियो कॉल के दौरान धोखाधड़ी से बचाव के लिए AI आधारित फेशियल रिकग्निशन सिस्टम का प्रयोग किया जाता है।

भारत में वीडियो KYC को अपनाने वाले प्रमुख संस्थान

भारतीय स्टेट बैंक (SBI) ICICI Bank Axis Bank HDFC Mutual Fund Zerodha, Groww जैसे निवेश प्लेटफ़ॉर्म

संभावित जोखिम:


अगर आप वीडियो KYC करने या कराने की सोच रहे तो आप सावधान हो जाएं क्योंकि अगर किसी वित्तीय संस्था के असली ऐप या ऑफिशियल वेबसाइट पर नहीं गए तो आपको भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है। इसके लिए आपको बैंक की ऑफिशियल वेबसाइट पर ही जाए और किसी तरह का कन्फ्यूजन हो या वीडियो KYC करने से पहले आप उस बैंक के टोल फ्री नंबर पर जाकर संपर्क अवश्य करें


FAQs: अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

Q1: क्या वीडियो KYC आधार आधारित होती है?
हाँ, यदि संस्था UIDAI अधिकृत है तो आधार आधारित e-KYC को वीडियो KYC के साथ जोड़ा जा सकता है।

Q2: क्या वीडियो KYC पूरी तरह से सुरक्षित है?
हाँ, वीडियो KYC प्रक्रिया एन्क्रिप्शन, लोकेशन ट्रैकिंग और फेशियल रिकग्निशन जैसी तकनीकों से सुरक्षित बनाई जाती है।

Q3: क्या यह ग्रामीण क्षेत्रों में भी लागू है?
बिलकुल, जहां इंटरनेट और मोबाइल की सुविधा है, वहां वीडियो KYC का लाभ लिया जा सकता है।


निष्कर्ष (Conclusion)

वीडियो KYC डिजिटल भारत की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह न केवल समय और संसाधनों की बचत करता है, बल्कि वित्तीय सेवाओं को पारदर्शी और सबके लिए सुलभ बनाता है। RBI द्वारा इसे कानूनी रूप से मान्यता मिलने के बाद इसका उपयोग लगातार बढ़ रहा है।


चेतावनी

आपको केवल ऑफिशियल वेबसाइट पर ही लॉगिन करना है।

अब आपकी बारी है —

क्या आपने वीडियो KYC का अनुभव लिया है? कमेंट करके बताएं और यह जानकारी किसी ज़रूरतमंद के साथ जरूर शेयर करें।

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